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Anand Pandey ki kabita

लोगों से दूर जाने का मन न था मुझे मजबूरी ने कर दिया दोस्तो (पुराने शहर ) से दूर हमें क्या था इसका कारण हम भी यह सोचते हैं खेल खेल में जिंदगी का कुछ तो तोड़ते हैं क्या था क्या है और क्या होगा इसका हमें अनुमान ना होगा कुछ भी होगा पर हमारा घमंड चूर-चूर होगा कुछ भी होगा पर हमारा घमंड अब चूर चूर होगा       Pro-Achyutanand Pandey